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प्यारी लाड़ो

 प्यारी लाड़ो 

आशा की एक नई किरण का, स्वप्न सजाया था मन में

बिटिया को जग में लाने का, संकल्प उठाया था मन में

नवजीवन की खुशियों का अब मैं, नाम विचारा करती थी

अपनी बिटिया संग अब क़ुछ मैं, समय गुजारा करती थी 

नन्ही सी मुस्कान लिए वो, जब आयेगी दुनिया में 

सबका प्यार दुलार मिलेगा, उसको अपने जीवन में 

दादा की वो प्यारी होगी, दादी की दुलारी होगी 

पापा की आँखों का तारा, मेरी बिटिया प्यारी होगी

सूने आँगन को सजाने, मेरी गोद का मान बढ़ाने 

आएगी इस दुनिया में वो, ममता का अहसास कराने 

जीवन के हर एक क्षण को,अनमोल बना देगी बिटिया 

माँ के उच्चारण से मेरा, मन महका देगी बिटिया 

इस सुन्दर एहसास को बस मैं , अब जग में लाने वाली हूँ 

अपनी नन्ही बिटिया संग मैं, नई दुनिया सजाने वाली हूँ 

बिटिया संग मैं खेलूँगी , उसकी सखी बन जाऊँगी 

उसको हँसता देखूँगी तो, सारे दुःख बिसराउगी 

इंतज़ार में बिटिया के अब, एक पल भी रहना मुश्किल है

शायद जान गई है वो भी, की उसने कुछ हलचल है 

एक सुबह वो शुभ दिन आया, मैंने अपनी बिटिया को पाया 

उसके सुन्दर मुखड़े को देखकर, खुशियों ने आँखों को रूलाया 

मेरे सपनों की वो रानी, बनेगी पापा की अभिमानी 

दादा-दादी की वो दुलारी, मेरे घर की राजकुमारी 

मेरे घर में लक्ष्मी आईसब मिल देने लगे बधाई 

अब जीवन में खुशियाँ छाईबिटिया तू मेरी परछाई।। 


रचियता V.Nidhi 

 

         

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