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अब फिर नवल उदय होगा

 

अब फिर नवल उदय होगा 



आज के दौर में हम सभी लोगो का एक ही प्रश्न होता है कि नई शुरुवात कैसे की जाए। इस प्रश्न का उत्तर हमको कोई भी नहीं दे सकता, क्यूँकि इस प्रश्न का उत्तर हमारे ही पास है।

 हम सभी चाहते हैं की फिर एक नवल उदय हो आशाओं की नई किरणों से हमारा जीवन जगमगा जाए । 
 जीवन में कभी अंधेरा न छाये केवल चारों तरफ उजियारा ही हो हम सब यही चाहते हैं  परन्तु इसके लिए क्या हम पूरी लगन  के साथ प्रयासरत हैं । 



आज हमारे ऊपर भौतिकता इतनी हावी हो चुकी है कि हम अपने समाज का, अपने देश का,अच्छा-बुरा नहीं सोच पाते  हैं । 
हम चाहते तो हैं  कि हर पेड़ पर पक्षिओं की चहचहाहट सुनाई दे ,फूलों पर भवरें गुनगुनायें  लेकिन क्या हम उन पेड़ों को कटने से बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठा पाते हैं ?  
हम चाहते हैं कि हर भूखे को भोजन मिले परन्तु जाने कितना ही खाना हम अपनी थाली में छोड़ देते हैं ।
हम चाहते हैं की हर बच्चा  शिक्षित हो लेकिन बाल मजदूरी को हम ही बढ़ावा देते हैं ।
एक तरफ तो हम  बेटियों  को देवी की संज्ञा देते हैं  फिर उन्हीं बेटियों का जीवन छीन लेते हैं ।

यदि हमें अपने जीवन में एक नई सुबह का आगमन करना है तो हमें खुद से प्रेरित (Inspire) होकर मुसीबत से लड़ना चाहिए। जीवन के संघर्षों से बिना डरे आगे बढ़ते हुए हम सभी को  एक नवीन समाज और देश के  निर्माण के बारे में विचार करना चाहिए। जहाँ फिर पक्षियों का बसेरा हो, कोई भूखा न हो, बच्चों के हाँथों में औजार की जगह कलम हो, नारी का हर रूप पूजनीय हो तथा माता पिता और अग्रजों को सम्मान मिले तथा अनुजों को प्रेम ।   

तभी हमारे जीवन में एक नई  सुबह का आगमन होगा, जहाँ चहुँ ओर खुशियाँ अमन प्रेम होगा। सभी मिलकर भाईचारे के साथ रहेंगे। 
 क्या इस तरह की सुबह कभी हो सकती है ? क्या इस तरह का स्वप्न आज के परिवेश में सच हो सकता है ? 
जी हाँ  इसके लिए हम सबको साथ मिलकर पहल करनी होगी और प्रसिद्ध शायर दुष्यंत कुमार जी की लिखी इन पंक्तियों को चरितार्थ करना होगा ।  

"कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों.. ..."

बस हमें एक पत्थर ही तो उछालना है मतलब एक नई पहल ही करनी है। फिर देखिएगा हम सब मिलकर एक नई सुबह का स्वागत करेंगे।

इन्हीं प्रेरक(Motivational) बातों को मैंने कविता के रूप में पिरोया है । जो हम सबके जीवन में प्रेरक उद्धरण(Motivational Quotes) की तरह साथ-साथ चले तथा इससे हम समाज में और देश में सकारात्मक भाव (Positive Quotes) प्रस्तुत कर सके।  

अब फिर नवल उदय होगा 


अब फिर नवल उदय होगानव स्वप्न का भाव सबल होगा

आशाओं की नई किरण काअविरल सा तेज प्रबल होगा

अब चहुँ ओर उजियारा हो घनघोर अंधेरा छँट जाए

नभ में सूरज चढ़ जाए तब चंचल पवन तरल होगा

शाखा पर पक्षी बैठे होभौरें भी फिर गुंजार करें

खेतों में फसलें लहलहा जाए तब जीवन फिर सरल होगा

बंजर धरती हरियाली होघर में मनती दिवाली हो

हर भूखा भोजन पा जाएतब फिर नयन सजल होगा

हर बालक शिक्षा पा जाएहर घर में बेटी आ जाए

हर अनाथसनाथ सा हो जाएतब फिर जनम सफल होगा

हम लड़े मुसीबत से डट करना मुँह फेरे जग से डरकर

संघर्ष से लक्ष्य को पा जाए, खुशियों का कोलाहल होगा

हर वृद्ध को फिर सम्मान मिलेघर-घर में स्वाभिमान मिले

बच्चो को गीता ज्ञान मिलेतब हर मन फिर निर्मल होगा।।


रचियता  V.Nidhi

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